व्यर्थ नहीं जाती भक्ति, अहंकारहीन होने पर प्राप्त होते हैं प्रभु : स्वामी सिकंदर जी महाराज
जालंधर(विनोद मरवाहा) प्रभु का स्मरण करना, भक्ति करना कभी भी व्यर्थ नहीं जाता क्योंकि भगवान सदैव हमारे समक्ष होते हैं। मनुष्य देह का, धन का व अन्य पद प्रतिष्ठा का कभी अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार रहित होकर ही भगवान की प्राप्ति संभव हो पाती है। यह आशीर्वचनअखिल भारतीय दुर्गा सेना के संस्थापक व […]