साधु की पहचान गुणों से होती है, उसके वस्त्रों से नहीं :स्वामी देवकीनंदन दास
जालंधर(योगेश कत्याल) साधु की पहचान गुणों से होती है, उसके वस्त्रों से नहीं। देखने में तो रावण साधु वेश में आया और दूसरी ओर शुकदेव जी दिगंबर वेशधारी हैं,परंतु दोनों में कितना अंतर है, रावण ने साधु वेश में सीता जी का हरण किया और शुकदेव जी ने परीक्षित महाराज जी को श्रीमद् भागवत कथा […]
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