जालंधर(विनोद मरवाहा)
नगर निगम के टॉप ऑफिसर लगातार कोशिश करने के बावजूद भी अनऑथराज्ड कंस्ट्रक्शन को ना तो रोक पा रहे हैं और ना ही कोई कार्यवाही कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अवैध निर्माण कार्यों को लेकर नगर निगम के द्वारा नोटिस भी दिए जा चुके हैं लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की मिली भगत के चलते इन नोटिस का कोई असर नहीं हो रहा है। कहा तो यह जा रहा है कि नोटिस केवल व्यवहारिकता निभाने के लिए है। यही कारण है कि अवैध निर्माण करने वालों के हौसले बुलंद हैं। अगर यह बात कह जाए कि मुख्यमंत्री अमरिंदर द्वारा अवैध निर्माणों को लेकर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू को बाबा जी का ठुल्लू दिखाने के बाद अवैध निर्माण फिर बड़ी तेजी से होने लगा है तो कोई भी गलत बात नहीं होगी। सूत्रों की मानें तो सभी अपने रुके हुए अवैध निर्माण को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि अवैध निर्माण को लेकर क्या नगर निगम के अधिकारी सोये हुए हैं, या भ्रष्टाचार के चलते अपनी आंखे मूंदे किये हुए हैं? बता दें कि स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैंट के विधायक परगट सिंह के साथ जालंधर के कर्इ स्थानों का अचानक निरिक्षण किया और अवैध रूप से किए गए निर्माणों को गिराने व ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवार्इ करने का आदेश दिया था। उन्होंने लगभग 93 बिल्डिंग्स की जांच के आदेश दिए थे ताकि निगमअफसरों के साथ अवैध निर्माण करने वालों को एक मेसेज जाए। सिद्धू ने सबंधित आधिकारियों को निर्देश दिए थे कि इन इमारतों से संबंधित पूर्ण रिपोर्ट तैयार की जाए। इस सारे प्रकरण में सिद्धू अभी भी अवैध कॉलोनियों व अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में हैं जबकि सरकार ने नई पॉलिसी बनाने की घोषणा कर सिद्धू के फैसले को ही पूरी तरह पलट दिया है।