अमृतसर( हलचल नेटवर्क))
पंजाब मे अवैध तरीके से फर्जी एजेंटो द्वारा विदेश भेजने का गोरख धंधा पूरे चरम पर है। यह धंंधा कैंसर का रूप धारण करता जा रहा है। ठगी की एक नई परिभाषा लिखने वाले पंजाब के अवैध ट्रैवल एजेंटों के शिकार पंजाब के नवयुवकों का मुद्दा अाज देश की सर्वोच्च पंचायत यानी संसद में गुंजायमान रहा। प्रदेश भाजपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने शून्यकाल में ठगी के इस नये गोरखधंधे को बड़े जोरदार तरीके से उठाया।
पंजाब के इस ज्वलंत मुद्दे पर बोलते हुए श्री मलिक ने कहा कि पिछले अढा़ई वर्षो के छोटे से अंतराल में ही पंजाब के करीब 90 हजार युवकों से इन अवैध ट्रैवल एजेंटों में करीब 17 हजार करोड़ रूपये ठगे हैं। श्री मलिक ने बताया कि यह ट्रैवल एजेंट विदेश जाने के सपने संजोये युवकों से 2लाख से ले कर 50 लाख रूपये तक अलग अलग देशों के नाम पर वसूलते हैं। ये पैसे युवकों के परिजन अपनी जमीनें व गहने बेचकर जुटाते है और विदेश जाकर हालत सुधारने की आस में अपना सब कुछ दाव पर लगा देते है, लेकिन फर्जी व अवैध ट्रैवल एजेंट इन युवाओं को बंधुआ मजदूर बना देते हैं। इसके अलावा शिक्षा के नाम पर भी युवाओं को विदेश का वीजा लगवा वहां निम्न स्तर के करने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। मां बाप 10-15 लाख रूपये तो बच्चों को विदेश भेजने में लगाते हैं और इतने ही पैसे बाद में लग जाते है और इसके बदले मिलती है परेशानी व कई बार तो अपने लाडलों की ताबूतों में लौटती लाशें। पनामा, माल्टटा हादसे व मोसुल की दर्दनाक दुर्घटनायें इसी का उदाहरण हैं। मलिक ने कहा कि ट्रैवल एजेंट यहां तो युवाओं व उनके परिजनों को रंगीन सपनों के बादे करते हैं, लेकिन बाद में इन्हीं अवैध ट्रैवल एजेंटों की वादा खिलाफी की वजह से धोखाधड़ी व अन्य अवैध तरीकों से विदेश भेजे गए युवकों व परिजनों के सपने टूट कर चकनाचूर हो जाते हैं।
श्री मलिक ने इस बारे आकड़े पेश करते कहा कि अप्रैल 17 से फरवरी 18 के बीच अवैध फर्जी एजेंटो के मामले में केवल 747 केस रजिस्टर्ड हुए, जबकि 20 हज़ार से अधिक लोग इनके माध्यम से हर साल विदेश जाते हैं। यह सब पंजाब सरकार की ढीली व अशक्त नीति के चलते हुआ। मलिक ने कहा कि हर वर्ष हज़ारों स्टूडेंट्स विदेश शिक्षा लेने जाते है व ट्रैवल एजेंट के धोखे का शिकार होउन्हें मज़दूरी करनी परती है व शिक्षा मिलती नहीं।
मलिक ने केंद्र सरकार से मांग की कि वो अपनी एजेंसियों को सक्रिय कर इन ठग ट्रैवल एजेंटों पर शिकंजा कसे व पंजाब सरकार पर भी अपना राज धर्म पालन करने के लिए दबाव बनाए।