जालंधर/विशाल कोहली
जालंधर वेस्ट विधानसभा उपचुनाव 10 जुलाई को हैं।लोकसभा चुनाव 2024 की तुलना में कांग्रेस व जालंधर के सांसद स.चरणजीत सिंह चन्नी की चमक आज निश्चित तौर पर फीकी हुई है। लोकप्रियता के मामले में भी ब्रांड चन्नी’ अन्य कांग्रेस विरोधी नेताओं की तुलना में निचले पायदान पर पहुँच गए हैं। यह न केवल हास्यास्पद, बल्कि विचित्र है कि करीब कुछ माह पहले सांसद बनाए गए चन्नी को राजनीतिक रूप से इतना बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा।
श्रीमती सुरिंदर कौर को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद तथाकथित तौर पर कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी भी देखने को मिल रही है। यह भी किसी से छिपा नहीं कि इस उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट पाने की दौड़ में शामिल कई छुटभैया नेता दबी जुबान में कांग्रेस उम्मीदवार की आलोचना करने और उन्हें अक्षम साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
दरअसल लोकसभा 2024 चुनाव के दौरान कांग्रेस का ग्राफ एकाएक काफी ऊंचा चला गया था क्योंकि
यह चुनाव मुख्यत: राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा गया था जबकि अब यह उपचुनाव क्षेत्रीय मुद्दों पर लड़ा जाएगा।
यही कारण है कि इस उपचुनाव को लेकर पार्टीजनों का उत्साह ठंडा है। कद्दावर एवं राजनीतिक खिलाड़ियों की पार्टी होकर भी उसकी चमक फीकी पड़ गई है। ऐसा नहीं कि पार्टी से जुड़े हर ऊपर से नीचे तक के कार्यकर्ता एवं नेता को इस बात का आभास नहीं है। वे सब कुछ जानते हुए भी मक्खी निगल रहे हैं।
इस विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को लेकर कहा जाता है कि वे किसी भी उपचुनाव की दिशा भांप लेते हैं। वे उसी दल के साथ जाते हैं, जिसकी राज्य में सरकार होती है। इस बार देखना होगा कि यह मिथ सही होता है कि नहीं।

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